7 प्रमुख चक्र और उनके कार्य

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चक्र क्या है और इसके बारे में जानना क्यों जरूरी है?

चक्र संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “पहिया” या “ऊर्जा का केंद्र”। हमारे शरीर में सात प्रमुख चक्र होते हैं, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में स्थित होते हैं और शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा आध्यात्मिक ऊर्जा का संचालन करते हैं। ये चक्र हमारे शरीर में प्राण (जीवन ऊर्जा) के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं और इनका संतुलन हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

चक्र क्यों जानना चाहिए?

चक्रों के बारे में ज्ञान होने से हम अपने शरीर और मन की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं। आज की तनावभरी जीवनशैली में मानसिक अशांति, शारीरिक थकान और भावनात्मक असंतुलन आम समस्याएं हैं। चक्रों को समझकर हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। योग, ध्यान, रेकी, क्रिस्टल हीलिंग और अन्य ऊर्जा-आधारित उपचार पद्धतियों में चक्रों का ज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

चक्रों को सक्रिय (एक्टिवेट) करने के उपाय

चक्रों को सक्रिय करने से हमारे शरीर और मन में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे हम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनते हैं। नीचे प्रत्येक चक्र को सक्रिय करने के लिए विभिन्न तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है:


1. मूलाधार चक्र (Root Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: रीढ़ की हड्डी का आधार
रंग: लाल
मंत्र: “लं” (Lam)

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: ताड़ासन, वृक्षासन, मलासन

  • ध्यान: जमीन पर बैठकर, लाल रंग की कल्पना करें और “लं” मंत्र का जाप करें।

  • अन्य उपाय:

    • प्रकृति में समय बिताएं (जैसे पैदल चलना, बागवानी)।

    • लाल रंग के फल (सेब, अनार) खाएं या लाल कपड़े पहनें।

    • रेड जैस्पर या ब्लडस्टोन जैसे पत्थर धारण करें।


2. स्वाधिष्ठान चक्र (Sacral Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: नाभि के नीचे
रंग: नारंगी
मंत्र: “वं” (Vam)

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: भुजंगासन, कोणासन, बद्धकोणासन

  • ध्यान: नारंगी रंग की कल्पना करते हुए “वं” मंत्र का उच्चारण करें।

  • अन्य उपाय:

    • रचनात्मक गतिविधियाँ (डांस, पेंटिंग, संगीत) करें।

    • नारंगी रंग के फल (संतरा, आम) खाएं।

    • कार्नेलियन या मूनस्टोन जैसे क्रिस्टल का उपयोग करें।


3. मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: नाभि के ऊपर
रंग: पीला
मंत्र: “रं” (Ram)

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: नौकासन, उष्ट्रासन, कपालभाति प्राणायाम

  • ध्यान: पीले सूर्य की कल्पना करते हुए “रं” मंत्र का जाप करें।

  • अन्य उपाय:

    • सकारात्मक पुष्टिकरण (Affirmations) दोहराएं, जैसे: “मैं सशक्त हूँ।”

    • पीले रंग की वस्तुओं (हल्दी, केला) का सेवन करें।

    • सिट्रीन या टाइगर आई स्टोन धारण करें।


4. अनाहत चक्र (Heart Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: हृदय के पास
रंग: हरा
मंत्र: “यं” (Yam)

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: भुजंगासन, धनुरासन, गोमुखासन

  • ध्यान: हरे रंग की कल्पना करते हुए “यं” मंत्र का जाप करें।

  • अन्य उपाय:

    • प्रेम और क्षमा का अभ्यास करें।

    • हरी सब्जियाँ (पालक, ब्रोकली) खाएं।

    • रोज क्वार्ट्ज या ग्रीन एवेंट्यूरिन जैसे क्रिस्टल का प्रयोग करें।


5. विशुद्धि चक्र (Throat Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: गले में
रंग: नीला
मंत्र: “हं” (Ham)

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: मत्स्यासन, सर्वांगासन, उज्जायी प्राणायाम

  • ध्यान: नीले आकाश की कल्पना करते हुए “हं” मंत्र का उच्चारण करें।

  • अन्य उपाय:

    • गाना गाएं या सच बोलने का अभ्यास करें।

    • नीले रंग के फल (ब्लूबेरी) खाएं।

    • अक्वामरीन या लैपिस लाजुली जैसे पत्थर धारण करें।


6. आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: भौंहों के बीच
रंग: गहरा नीला या बैंगनी
मंत्र: “ॐ” (Om)

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: बालासन, शीर्षासन, त्राटक (मोमबत्ती ध्यान)

  • ध्यान: अपनी तीसरी आँख पर ध्यान केंद्रित करते हुए “ॐ” का जाप करें।

  • अन्य उपाय:

    • अंतर्ज्ञान पर भरोसा करें और डायरी लिखें।

    • बैंगनी रंग के खाद्य पदार्थ (बैंगन, जामुन) खाएं।

    • एमेथिस्ट या फ्लोराइट जैसे क्रिस्टल का उपयोग करें।


7. सहस्रार चक्र (Crown Chakra) को सक्रिय करने के तरीके

स्थान: सिर के शीर्ष पर
रंग: बैंगनी या सफेद
मंत्र: “ॐ” या मौन ध्यान

एक्टिवेशन तकनीक:

  • योगासन: शीर्षासन, पद्मासन, ब्रह्मरी प्राणायाम

  • ध्यान: सिर के ऊपर शुद्ध सफेद प्रकाश की कल्पना करें।

  • अन्य उपाय:

    • मौन रहकर ध्यान करें।

    • आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ें।

    • क्लियर क्वार्ट्ज या सेलेनाइट जैसे क्रिस्टल का प्रयोग करें।


चक्र हमारे मन को कैसे प्रभावित करते हैं?

हमारे चक्रों का सीधा संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से होता है। जब कोई चक्र असंतुलित होता है, तो हम मानसिक रूप से अशांत महसूस करते हैं। उदाहरण के लिए:

  • यदि मूलाधार चक्र असंतुलित है, तो व्यक्ति को डर, असुरक्षा और चिंता हो सकती है।

  • यदि स्वाधिष्ठान चक्र ब्लॉक है, तो व्यक्ति रचनात्मकता की कमी या भावनात्मक असंतुलन महसूस कर सकता है।

  • यदि आज्ञा चक्र सक्रिय नहीं है, तो व्यक्ति को निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है और उसकी अंतर्ज्ञान शक्ति कमजोर हो सकती है।

चक्रों को संतुलित करने के लिए ध्यान, प्राणायाम, योगासन, मंत्र जाप और क्रिस्टल हीलिंग जैसी विधियों का उपयोग किया जा सकता है। जब चक्र संतुलित होते हैं, तो हमारा मन शांत, केंद्रित और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है।

सामान्य सुझाव:

  • प्राणायाम (कपालभाति, अनुलोम-विलोम) चक्रों को संतुलित करने में मदद करता है।

  • मंत्र जाप और ध्यान चक्रों को सक्रिय करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

  • क्रिस्टल हीलिंग और अरोमाथेरेपी (एसेंशियल ऑयल) भी उपयोगी हैं।

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