कोड से खेती तक: विद्याक्षेत्र में शिक्षा को पुनर्परिभाषित(Reimagine) करने की मुनीत धीमान की यात्रा

मुनीत धीमान की कहानी एक लाभदायक अंतरराष्ट्रीय करियर छोड़कर एक उच्च आह्वान का जवाब देने की एक शक्तिशाली कथा है: बच्चे कैसे सीखते और बढ़ते हैं, इस पर मौलिक रूप से पुनर्विचार करना। उनकी पहल, विद्याक्षेत्र, इस विचार का प्रमाण है कि शिक्षा मुफ्त, समग्र और जीवन से गहराई से जुड़ी हो सकती है, बिना पारंपरिक स्कूली शिक्षा के दबावों के।

मोड़: जर्मनी में टेक करियर छोड़ना

मुनीत धीमान वह जीवन जी रहे थे जिसे कई लोग सपना मानते हैं। प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से स्नातक होने के बाद, उन्होंने जर्मनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में एक सफल करियर बनाया। इस रास्ते ने वित्तीय सुरक्षा, एक आरामदायक जीवन शैली और एक वैश्विक टेक हब में काम करने की प्रतिष्ठा प्रदान की।

हालाँकि, एक बढ़ता हुआ असंतोष उभरने लगा। धीमान जीवन के उद्देश्य और दुनिया पर अपने प्रभाव के बारे में मौलिक सवालों से increasingly preoccupied थे। उन्होंने महसूस किया कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली, भारत और विदेशों दोनों में, अक्सर employable professionals बनाने पर अत्यधिक केंद्रित है न कि संपूर्ण, conscious और खुश individuals को पोषित करने पर। ग्रेड की निरंतर race, fees का बोझ, और practical, real-world skills से disconnect उन्हें एक त्रुटिपूर्ण मॉडल लगा।

परिवर्तन की इस इच्छा से प्रेरित होकर, उन्होंने अपने आईटी करियर को छोड़ने और एक वैकल्पिक शैक्षिक ecosystem बनाने के सपने के साथ भारत लौटने का साहसिक निर्णय लिया।

दृष्टि: बेंगलुरु में विद्याक्षेत्र की स्थापना

वापस आकर, धीमान ने भारतीय ज्ञान प्रणालियों, दर्शन और महात्मा गांधी के नई तालीम (बुनियादी शिक्षा) जैसे वैकल्किक pedagogical models के अध्ययन में себя डुबो दिया, जिसने hands-on, productive work के माध्यम से सीखने पर जोर दिया।

उन्होंने इस दृष्टि को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में विद्याक्षेत्र (एक संस्कृत शब्द जिसका अर्थ है “ज्ञान का मंदिर”) की स्थापना में channel किया। यह केवल एक और वैकल्पिक स्कूल नहीं था; इसे holistic, donation-based education में एक radical experiment के रूप में conceive किया गया था।

विद्याक्षेत्र मॉडल: शिक्षा बिना सीमाओं के

स्कूल का दर्शन कई core principles पर बना है जो conventional norms को challenge करते हैं:

  1. बिल्कुल मुफ्त शिक्षा: विद्याक्षेत्र एक पूर्ण fee-free model पर चलता है। कोई tuition fees, development charges, या hidden costs नहीं हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी socioeconomic backgrounds के बच्चे, विशेष रूप से underprivileged communities के, बिना financial barriers के high-quality education तक पहुँच सकें। संस्थान donations और volunteers और well-wishers के support पर चलता है।

  2. कोई परीक्षा या रटंत learning नहीं: भारतीय शिक्षा प्रणाली की exam-centric approach से दूर एक bold move में, विद्याक्षेत्र ने formal examinations को abolish कर दिया है। focus memorization और testing से हटकर true understanding, curiosity, और knowledge के application पर shifted है। Assessment continuous और qualitative है, जो एक child’s engagement, creativity, और concepts की grasp पर based है।

  3. समग्र और एकीकृत पाठ्यक्रम: विद्याक्षेत्र में learning textbooks तक सीमित नहीं है। curriculum आधुनिक और प्राचीन, academic और practical का एक unique blend है:

    • खेती और बागवानी: बच्चे अपना भोजन स्वयं उगाना सीखते हैं, छोटी उम्र से ही agriculture, soil health, और sustainability को समझते हैं। यह उन्हें प्रकृति से जोड़ता है और उन्हें hard work का value सिखाता है।

    • बुनाई और शिल्प: छात्र weaving और pottery जैसे traditional crafts सीखते हैं। यह motor skills, patience, और indigenous arts और self-reliance की appreciation विकसित करता है।

    • विज्ञान और गणित: इन subjects को abstract theories के रूप में नहीं बल्कि practical experiments और daily life में उनके application के through पढ़ाया जाता है, जैसे farming या building projects में।

    • संगीत और कला: vocal और instrumental music, dance, और visual arts पर strong emphasis creativity और emotional expression का विकास सुनिश्चित करता है।

    • संस्कृत और भाषाएँ: संस्कृत को केवल एक language के रूप में नहीं बल्कि ancient Indian scriptures, literature, और scientific texts तक पहुँचने के एक medium के रूप में पढ़ाया जाता है, जो cultural heritage से connection को foster करता है।

    • योग और ध्यान: discipline, mindfulness, और physical well-being instill करने के लिए daily practices incorporate की जाती हैं।

  4. करके सीखना: core pedagogy experimental है। बच्चे केवल photosynthesis के बारे में नहीं पढ़ते; वे इसे garden में observe करते हैं। वे केवल math problems solve नहीं करते; वे calculations का use planting के लिए एक raised bed design करने में करते हैं।

प्रभाव: 157 बच्चे और एक बढ़ता समुदाय

आज, विद्याक्षेत्र 157 बच्चों को यह transformative education प्रदान करता है, उन्हें एक वैकल्पिक मार्ग offer करता है जो उनकी individuality और innate potential को value देता है। impact केवल उनके knowledge में ही नहीं, बल्कि उनके confidence, critical thinking skills, और उनके environment और culture के deep respect में visible है।

मुनीत धीमान की कहानी केवल एक career change से कहीं अधिक है; यह educational reform के लिए एक beacon है। यह demonstrate करती है कि एक ऐसी system build करना possible है जहाँ learning एक joy है, burden नहीं; जहाँ education एक right है, commodity नहीं; और जहाँ goal केवल successful professionals बनाना नहीं, बल्कि wise, compassionate, और capable human beings create करना है। विद्याक्षेत्र educators और parents worldwide के लिए एक inspiring model के रूप में कार्य करता है जो मानते हैं कि another way possible है।

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