हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट में, आज हम आपके लिए इस पोस्ट में कुछ ऐसा लेके आये हैं। जिसकी मदद से आप अपने दिमाग की शक्ति का 100% उपयोग में ला सकते हैं। अपने विचार, आदतों, इमोशन आदि को बदल सकते हैं। अपने अंदर का आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। जी हाँ दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं NLP की जिसका मतलब होता है –Neuro Linguistic Programming. आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
NLP (Neuro Linguistic Programming) क्या होता है
NLP का मतलब तो आपको पता चल ही गया है। अब में आपको NLP का हिंदी में अर्थ बताता हूँ। इसका अर्थ है –तंत्रिका सम्बन्धी भाषाई प्रोग्रामिंग । इसकी शुरुआत 1970 में रिचर्ड बेंडलेर और जॉन ग्राइंडर द्वारा अमेरिका में की गयी। NLP की बात करें तो यह एक ऐसा टूल या एक ऐसी तकनीक (Technique) है। जिसके द्वारा हमारी जिंदगी में बदलाव लाया जा सकता है। हमारे दिमाग की शक्ति का 100% प्रयोग किया जा सकता है।
हम अपनी Communication skill की Verbal और Non Verbal तकनीक (Technique) को डेवेलोप कर सकते हैं। हम इससे अपने अंदर हो रहे Confidence की कमी को बढ़ा सकते हैं।
जो हमारे दिमाग के अंदर कुछ ऐसे विचार है जो गलत हैं। हम उनको बहार निकल सकते हैं। हम इससे हमारी काम करने की क्षमता को और अधिक साफ़ सुथरा बना सकते हैं।
NLP से हर व्यक्ति के आंतरिक और बाहरी विचार, भाषा, भावना और व्यवहार को अच्छे से परखा और समझा जा सकता है। साथ ही इसकी मदद से व्यक्ति के अंदर Communication skills, thought process, awareness level को बढ़ाया और डेवेलोप किया जा सकता है।
दोस्तों आसन शब्दों में बतायूं, तो यह एक ऐसी प्रकिर्या है। जिसकी मदद से मानव के शरीर और दिमाग की दुनिया को समझ के उसको और बेहतर बनाया जा सकता है। यह एक पर्सनल Development तकनीक (Technique) है। जो व्यक्ति की समझ को गहरा बनाती है।
उदहारण के लिए , मान लो हमारा दिमाग एक कंप्यूटर है। उसको चलाने के लिए विचार के रूप में प्रोग्राम की जरुरत पडती है।
हम NLP को एक सॉफ्टवेर कह सकते हैं। जब भी इसको अपडेट करेंगे तो इससे हमारा दिमाग फ़ास्ट और दुगना काम करने लगेगा। आईये NLP को एक एक करके समझते हैं ।
N- Neuro(न्यूरो)
न्यूरो का मतलब हमारी 5 इन्द्रियों से हैं। हमारी 5 इन्द्रियां ( सुनना , सूंघना , महसूस करना , टेस्ट , देखना ) ये हैं। इनके मध्यम से हम किसी बाहरी चीजों के बारे में जानकारी लेते हैं और उसी प्रकार की प्रतिकिर्या करते हैं। जब हम वो जानकारी ग्रहण करते हैं। तब उस जानकारी की मदद से हमारे दिमाग के अंदर एक नक्शा और चित्र बनता है। जिससे हम बाहरी चीजो और अन्य व्यक्तियों द्वारा पूछी पहेली का उत्तर देते हैं। इसी से हमारा अपने सगे सम्बन्धियों और अन्य लोगों से बर्ताव होता है।
L-Linguistic (भाषा सम्बन्धी विज्ञान)
भाषा सम्बन्धी विज्ञान एक बहुत ही शक्तिशाली तकनीक होती है। इसके मतलब की बात करें तो “दिमाग की भाषा “ जी हाँ अगर हम इसको जान लेते हैं कि वह कौनसी भाषा है। जिसकी मदद से हम दुसरे व्यक्ति की दिमागी भाषा को आसानी से समझ सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि दुसरे व्यक्ति के दिमाग को किस भाषा से समझाया जा सकता है। तो हम उसका प्रयोग करके हमारे विचारों और दुसरे व्यक्ति के विचारो को बदल सकते हैं और इससे अपने और दूसरों में बेहतर कम्युनिकेशन किया जा सकता है।
P-Programming
प्रोग्रामिंग मतलब कैसे हमारा दिमाग जानकारियों को लेके काम करता है और किसी को अपनी प्रतिकिर्या देता है। दोस्तों हम हमारे दिमाग में पहले से ही अलग अलग सिचुएशन के बारे में प्रोग्रेंमिंग कर सकते हैं। जब हम ये सब कर लेंगे तो हम इस प्रोग्रामिंग का प्रयोग करके अलग अलग सिचुएशन में एक अच्छा रिजल्ट ला सकते हैं। जो हमारे लिए बेहद अच्छा साबित होगा ।
हम सबको ये बात बहुत अच्छी तरह से पता है। कि अगर हमारे कंप्यूटर में कोई भी virus आ जाये तो हमारे कंप्यूटर को नुक्सान पहुंचा सकता है। इससे कंप्यूटर अच्छी तरह काम नही करता और फिर हमे दिक्कत होती है। इसी प्रकार हमारे दिमाग में भी अगर एक गलत विचार आ जाये तो वो हमारे दिमाग को हिल्ला के रख देता है। परन्तु हम NLP में ऐसी तकनीक (Technique) के बारे में बात करेंगे। जो हमारे दिमाग से गलत विचार को दूर कर देता है। आईये इसके इतिहास के बारे में कुछ और जान लेते हैं ।
NLP (Neuro Linguistic Programming) का इतिहास क्या है
दोस्तों NLP (Neuro Linguistic Programming) का इतिहास इस प्रकार है। इसकी शुरुआत संतक्रोज , कैलिफ़ोर्निया में 1970 में हुयी थी। जब रिचर्ड बंडलेर और जॉन ग्राइंडर की पहली बार मुलाकात हुयी और दोनो अच्छे दोस्त बन चुके थे। दोस्तों रिचर्ड बंडलर एक 20 बर्षीय विद्यार्थी थे और जॉन ग्राइंडर जो रिचर्ड से 20 साल बड़े और college में एक प्रोफेसर थे।
तब रिचर्ड ने गणित के छात्र के रूप में शुरुआत की और उसने वहां पे कंप्यूटर विज्ञान का भी गहन अध्यन किया। रिचर्ड जब पढ़ रहा था तो उसको विज्ञान में मजा आने लगा और उसकी विज्ञान में रुचि बढने लगी और विज्ञान को उसने अपना मेजर सब्जेक्ट्स बना लिया।
NLP (Neuro Linguistic Programming) भी कंप्यूटर प्रोग्राम और उसकी भाषा से ही उत्पन होता है। दोस्तों रिचर्ड ने विजिर्ता स्टेर के मेथड का प्रयोग करके परिवार उपचार में प्रयोग होने वाली विधियां का एक मॉडल बना लिया। रिचर्ड ने फ्रिट्ज पर्ल्स के काम का भी मॉडल बनाया और उससे अच्छे से तैयार किया। उस मॉडल में रिचर्ड ने मनोचिकित्सा का एक रूप बनाया। जिसे गेस्टलेट थेरेपी के रूप में भी जाना जाता था। इसके बाद रिचर्ड और जॉन ने मिलके कुछ सिद्धान्तों को समझने के लिए दोनों ने एक साथ मिलके काम किया।
उन्होंने मिलके कुछ ऐसे सिद्धान्तों को देखा परखा जो गेस्टलेट थेरेपी को नियंत्रित करते थे। इस सफलता के लिए उनकी कुछ और लोगों ने भी मदद की थी। जैसे जैसे हम विचार साझा करते हैं वैसे वैसे ही NLP बढ़ता जा रहा है।
NLP (Neuro Linguistic Programming) तकनीक कैसे काम करती है?
NLP तकनीक एक ऐसा गहन अध्यन और पढाई है। ये वो पढाई है जो सोच , व्यवहार, लैंग्वेज , प्रोग्रामिंग आदि पर आधारित है और उस पर काम करती है। यह तकनीक हमारे दिमाग और शरीर को एक नई दिशा देती है। उससे सचेत करती है कि किस समय क्या करना है क्या नहीं करना है। यह हमारे दिमाग को रास्ता दिखाने के लिए एक ऐसा फ्रेम्वोर्क तैयार करती है। जो अपने आप में लयबद्ध होता है।
ये तकनीक (Technique) हमे ये बताती है कि कैसे हम अपने दिमाग में कोड या चेस्था का उत्पादन करते हैं। जिससे हमारे जीवन के हर मुकाम और क्षेत्र में सफलता मिले। हम आगे बढ़ सकें। दोस्तों आप इस तकनीक के साथ अपनी रणनीतियों का एक ऐसा ग्रुप बना सकते हैं। जिसकी मदद से आप कहीं भी फैसला लेना , अपने पर्सनल सम्बन्धियों से बात करना, अपने प्रोफेशनल जीवन में आगे बढना, लोगों को मोटीवेट करने के लिए बात चित करना, अपनी जिन्दगी में भले बुरे को देख सकें, उससे अच्छा बना सकें इसमें आप ये सब कर सकते हैं।
दोस्तों आपको बतादूँ कि अगर हम इस तकनीक (Technique) को अपने अध्यात्मक से जोड़ें या आसान शव्दों में अपनी पढने की क्षमता के साथ जोड़ें। तो ये बिलकुल भी गलत बात नही होगी। दोस्तों एक तरह से हम इस तकनीक को हम हमारे शरीर और दिमाग से खुद को संभाल सकते हैं। अगर हम इसका अच्छे तरीके से प्रयोग करेंगे। तो हम दुनिया के किसी भी मुकाम तक आसानी से पहुँच सकते हैं। जो सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।
इसलिए आज के समय में लोग इस से प्रभावित होकर कई प्रकार की ट्रेनिंग और वर्कशॉप खोलते हैं। और उनसे जुड़ जाते हैं। आज के लोग भी इस तकनीक (Technique) में बहुत रुचि ले रहे हैं। इसमें आपको नेता, मैनेजर्स, सीईओ, सेल्फ एम्प्लॉय, मल्टी लेवल मार्केटिंग आदि द्वारा इस तकनीक का अच्छे से अभ्यास किया जा रहा है। यह तकनीक बहुत ही ज्यादा पोपुलर (Popular) हो चुकी है। जो आने वाले समय में भी ऐसे ही रहेगी।
NLP (Neuro Linguistic Programming) ट्रेनिंग कहाँ से लें
जी हाँ दोस्तों बहुत सी ऐसी कंपनियां है जो NLP (Neuro Linguistic Programming) की ट्रेनिंग देती है। काफी संख्या में उनके पास विद्यार्थी पहुँचते है। वो इसका कोर्स बनाके लोगों तक पहुंचाती है। इसमें वो व्यक्ति के शरीर और दिमाग की प्रकिर्या को समझ के उसे विकसित करने के बारे में बताती हैं ।
इसका अब तक पूरा एक मार्किट बन चूका है जो ये सब करता है। यह मार्केट बहुत ही कारगार भी है। इससे बड़े बड़े स्टार, मॉडल, एक्टर आदि कर चुके है। जिससे वो अपने दिमाग को अब रिप्रोग्रमिग कर पाए हैं। यह बहुत अच्छी तकनीक (Technique) है जो शरीर और दिमाग की प्रोसेस को विकसित करती है। यह सबको करनी चहिये।
निष्कर्ष
आज की इस पोस्ट में मैंने आपको बताया कि NLP (Neuro Linguistic Programming) क्या है। कैसे यह काम करती है और इसकी पूरी प्रोसेस के बारे में बताया और कैसे आप अपने दिमाग और शरीर को इसकी मदद से विकसित कर सकते हैं। उम्मीद करता हूँ , ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई है। तो हमे कमेंट करें ताकि हम आगे भी आपके लिए ऐसी पोस्ट लाते रहें।