धन्यवाद और प्रशंसा का महत्व Dhanyawad aur prashansha ka mahatva

प्रशंशा

आज हमको ये समझना बहुत ही ज़रूरी है की

हम इंसानो को एक ऐसी भूख भी रहती है जो की

हमारे खाने की भूक और सम्भोग के भूक से मिलती जुलती है

आज अगर हम अच्छे से खाना नहीं खाएंगे तो हमे कमजोरी लगती है

वैसे ही अगर इंसान समाज मैं रहता है और ब्रह्मचारी नहीं है और

उसे शारीरिक संभोग नहीं मिलता हो तो वह विचलित रहता है, और यह

तो सभी को पता है की इस भूक के वजह से कितने ही गैर कानूनी चीज़े भी

कर बैठते है, तो आज मैं ये बताना चाहता हूँ की जैसे हमे हर रोज खाने की ज़रुरत

है और जैसे संभोग का महत्व है, वैसे ही आज हर इंसान को अपनी प्रशंशा सुनना पसंद होता है

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ये मनो या न मनो काफी रिसर्च मैं पाया गया है की कम्पनीज मैं जब लोगो की सिर्फ प्रसंशा की गयी थी

बिना कोई पैसे की वृद्धि किये हुए तब भी लोगो ने बहुत ही बढ़िया तरीके का परफॉरमेंस दिया है,

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और काफी नई कम्पनिया आज यह मॉडल अपना रही है. मैं ये नहीं कहता की सबने सिर्फ प्रशंसा ही करनी

चाहिए और कुछ ज़्यादा करने की ज़रुरत नहीं, पर यह जानना बहुत ज़रूरी है की, अगर आपका कोई काम

रुका पड़ा है किसीके पास तो आप ये तरीका अपना के अपना काम निकलवा सकते है, यह मैं इसलिए कह रहा हूँ

क्योंकि काफी लोग अनजाने मैं भूके होते है और वह काम रुका हुआ होता है, अगर अपने उनकी ये भूक मिटा दी तो आपका

काम भी हो जाता है, और ऐसे काफी लोग है जो इस चीज़ का उपयोग करके अपना काम करते है, अब इसमें एक और चीज़ जननी भी

ज़रूरी है की जिस इंसान की आप प्रशंशा कर रहे है, उस इंसान को किस टाइप की प्रशंशा पसंद है, अब NLP (न्यूरो लिंगविस्टिक प्रोग्रामिंग)

यह कहता है की हर इंसान अलग तरीके से प्रशंशा लेना पसंद करता है, जैसे कोई इंसान (Auditory)ऑडिटरी यानि की वो प्रशंशा सुनना पसंद करता

है, वैसे ही कोई इंसान (Visual) विसुअल होता है उसे कुछ गिफ्ट के द्वारा यह कोई चीज़ लिखित में देखना पसंद होता है, और फिर किसीको (kinaesthetic) किनेस्थेटिक तरीका पसंद होता है, मतलब उनको या तो हाथ मिलके के तारीफ करना या गले मिलके प्रशंशा करना या पिट थप थापा के तारीफ़ करना,

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पर अब प्रश्न यह है की, हमे कैसे पता चले की किसको क्या पसंद है, तो इसमे सबसे आसान तरीका है आप हो सके उतना तीनो तरीको का उपयोग करे, यानी किसीको आप मुँह से तारीफ़ भी करे और कोई छोटी सी गिफ्ट भी देदे और या तो हाथ मिला के या फिर गले मिलके धन्यवाद् करे इसमें अपने आप तीनो चीज़े आ जाएँगी और उनकी भूक भी मिट जाएग,

काफी रिश्तो मैं इसी बात के कमी के वजह से रिश्तों मैं मिठास नहीं होती, अगर कोई भी  रिश्तों  मैं अगर आपने

यह चीज़ जोड़ दिया तो आप देखेंगे की आपके रिश्ते मैं काफी सुधर आ गया है.

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निचे मैंने ऐसे कही वाक्य दिए है जिसका उपयोग करके आप किसीकी भी प्रशंशा की भूक मिटा सकते है

और ये भी समझना बहुत ज़रूरी है की ये चीज़ करने से आप एक तरीके का समाज सेवा ही कर रहे है

तो दिल खोल के लोगो की प्रशंसा की जिए और इस दौरान आप यह भी देखेंगे की आपकी भी प्रशंशा मैं भी वृद्धि हुई है

और आप खुश भी रहने लगे है

“आपको पता नहीं है कि इससे मुझे कितनी मदद मिली है।”

“आपके समय के  लिए धन्यवाद्”

“आपने मेरे लिए जो चीजें कीं, मैं उनके लिए बहुत आभारी हूं।”

“आपने मेरा दिन बना दिया!”

“शानदार! आप एक जीवन रक्षक हैं!”

“आप बहुत मुश्किल समय के दौरान मेरे लिए थे। धन्यवाद!”

“मैं आपका आभारी हूँ”

“मैं कभी भूल नहीं पाउँगा जो आपने मेरे लिए किया है”

“आपकी उदारता मुझे अभिभूत करती है।”

“मैं आपके समय की सराहना करता हूं।”

“मेरे दिल से धन्यवाद स्वीकार करे”

“आपका बहुत बहुत धन्यवाद!”

“आप जैसा मित्र पाकर मैं धन्य हूं।”

आप सभी इसकी प्रैक्टिस करे और बताये की कैसे इसका फायदा हुआ

और भी कुछ नए तरीके हो तो ज़रूर सुझाए ताकि मैं वह आपके नाम से यहाँ

डाल सकूं  बहुत आभार आपका ये पढ़ने के लिए, मैं उम्मीद करता हूँ की आपको

इससे बहुत फायदा हो! खुश रहे और सबको खुश करे!

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