शुरुआती लोगों के लिए योग – Yoga for Beginners

शुरुआती लोगों के लिए योग और उसके लाभ (Yoga for beginners with their benefits)

योग न केवल शरीर को फिट और लचीला बनाता है, बल्कि मन को शांति और स्थिरता भी प्रदान करता है। अगर आप योग की शुरुआत(Yoga for beginners) कर रहे हैं, तो कुछ आसान आसनों से शुरुआत करना फायदेमंद रहेगा। ये आसन सरल होते हैं और नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार होता है।

1. पर्वत मुद्रा (ताड़ासन)
कैसे करें:

पैरों को एक साथ रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ।
अपनी भुजाओं को बगल में रखें और अपनी जाँघों को संलग्न करें।
साँस लें और अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएँ, हथेलियाँ एक-दूसरे की ओर हों।
अपने पैरों को ज़मीन पर रखते हुए अपने शरीर को ऊपर की ओर खींचें।

 

लाभ:

आसन और संतुलन में सुधार करता है।
पैरों और कोर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।

2. बाल मुद्रा (बालासन)
कैसे करें:

मैट पर घुटनों के बल बैठें, अपने बड़े पैर की उँगलियों को छूते हुए और घुटनों को अलग रखें।
अपनी एड़ियों पर वापस बैठें, अपनी भुजाओं को आगे की ओर फैलाएँ और अपने माथे को मैट पर टिकाएँ।
गहरी साँस लें, अपने कंधों को आराम दें।

 

लाभ:

मन को शांत करता है और तनाव से राहत देता है।
कूल्हों, जाँघों और रीढ़ को खींचता है।

3. अधोमुख श्वानासन (अधोमुख श्वानासन)
कैसे करें:

अपने हाथों और घुटनों के बल पर शुरू करें।
अपने कूल्हों को ऊपर उठाएँ, अपने पैरों को सीधा करें और एक उल्टा “V” बनाएँ।
अपने हाथों को मैट पर मजबूती से दबाएं, कलाइयों को कंधों के साथ संरेखित करें।
अपने सिर को अपनी बाहों के बीच रखें, और गहरी सांस लें।

लाभ:

हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को स्ट्रेच करता है।
बाहों, कंधों और पीठ को मजबूत बनाता है।

4. कैट-काउ स्ट्रेच (मार्जरीआसन-बिटिलासन)
कैसे करें:

अपने हाथों और घुटनों पर शुरू करें।
साँस लें, अपने पेट को नीचे करें और अपने सिर और टेलबोन को ऊपर उठाएँ (काउ पोज़)।
साँस छोड़ें, अपनी पीठ को गोल करें, अपनी ठुड्डी को अंदर की ओर खींचें, और अपने पेट को अंदर की ओर खींचें (कैट पोज़)।
इन दोनों को 5-8 साँसों के लिए बारी-बारी से करें।

लाभ:

रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है।
गर्दन और पीठ में तनाव को कम करता है।

5. योद्धा I (वीरभद्रासन I)
कैसे करें:

घुटने को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ते हुए एक पैर आगे बढ़ाएँ।
दूसरे पैर को पीछे की ओर बढ़ाएँ और एड़ी को मैट पर टिकाएँ।
अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएँ, कूल्हों को आगे की ओर सीधा रखें।
5-8 साँसों तक रुकें, फिर करवट बदलें।

 

लाभ:

पैरों और भुजाओं में ताकत पैदा करता है।
छाती को खोलता है और कूल्हे के फ्लेक्सर्स को फैलाता है।

6. ब्रिज पोज़ (सेतु बंधासन)
कैसे करें:

अपनी पीठ के बल लेटें, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को ज़मीन पर सपाट रखें।
अपने कूल्हों को चटाई से ऊपर उठाएँ, अपनी उँगलियों को अपनी पीठ के नीचे फँसाएँ और अपनी भुजाओं को नीचे दबाएँ।
5 साँसों तक रुकें, फिर धीरे-धीरे अपने कूल्हों को नीचे लाएँ।

लाभ:

ग्लूट्स और रीढ़ को मज़बूत करता है।
छाती को खोलता है और मुद्रा में सुधार करता है।

7. बैठे हुए आगे की ओर झुकना (पश्चिमोत्तानासन)
कैसे करें:

पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठें।
साँस लें, अपनी रीढ़ को लंबा करें और साँस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, अपने पैरों तक पहुँचें।
बिना किसी तनाव के 5-8 साँसों तक इस मुद्रा में रहें।

लाभ:

हैमस्ट्रिंग और पीठ के निचले हिस्से को स्ट्रेच करता है।
तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।

8. शवासन (शवासना)
कैसे करें:

अपनी पीठ के बल लेट जाएँ, अपनी भुजाओं को बगल में आराम से रखें।
अपनी आँखें बंद करें और स्वाभाविक रूप से साँस लें।
अपने शरीर के हर हिस्से को आराम देने पर ध्यान दें।

लाभ:

आराम को बढ़ावा देता है और तनाव को कम करता है।
शरीर को अभ्यास के लाभों को एकीकृत करने में मदद करता है।
ये शुरुआती लोगों के अनुकूल आसन लचीलेपन, ताकत और दिमागीपन के लिए एक अच्छा आधार प्रदान करते हैं। अपने आराम और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे और लगातार अभ्यास करें

Leave a Comment